सोचा आज दिल की बगिया की सफाई की जाये ,
कुछ यादों को कांटा छाटा जाए,
कुछ एहसासों को सदा के लीये बिदाई दी जाए ,
कुछ जख्म जो रिसते हैं और कुछ दर्द जो चुभते हैं ,
उन जख्मों को हटा कुछ नए एहसासों के लिए जगह की जाए,
छाटने बैठे बेमानी यादें तो पूरी जिंदगी छंट गयी,
कुछ जरुरी और कुछ बहुत जरुरी एहसासों में दिल की बगिया बट गयी,
हलकी करने बैठे थे जो दिल की टहनी उस पे नयी यादें कुछ और पनप गयीं,
एहसासों की इस बगिया के न जाने हम कब से माली थे,
सारी खटी मीठी यादें हम सालों से संभाले थे,
बदलते समय ने एहसासों को नए रंग दिए,
जो पल चुभते थे कभी शूल जैसे,
वो भी अब फूल से महक रहे थे ,
तब लगा मन का आँगन कितना विस्तार है,
महकता है फूल सा हर एहसास,
तो फिर क्यों हो किसी भी गुजरे पल का तिरस्कार है,
हर गुजरा एहसास एक नयी राह दिखा गया,
हर दर्द जीने का सबक कोई सिखा गया!
Some spoken stories and some tales untold, times I stood tall and times I got sold, carving feelings in to words, some new and some old.....
About me
- nidhi
- Singapore
- Conflict between the two, the true me and the image I pursue, the smiles I have and the sorrows I hide are part of me like coin with flipping sides.....
Monday, January 17, 2011
Saturday, January 8, 2011
2010
जिंदगी की दीवार पे एक और साल का कैलेंडर लटक गया ,
कुछ पन्ने ख़ुशी के थे कुछ पे ग़मों का रंग छिटक गया,
कुछ यादें हमने नयी बनायीं ,
कुछ पुरानी अतीत से चुराईं,
लम्हे कुछ अपने अपनों से बांटे और कुछ तन्हाई में काटे ,
कभी अनुभवी पतंगबाज़ की पतंग सा उड़ा मन,
कभी कटी पतंग सा भटक गया ,
और जिंदगी की दीवार पे एक और साल का कैलेंडर लटक गया ,
कुछ अतीत के दरवाज़े हमने बंद किये,
कुछ दिल की खिडकियों के पट नए खोले ,
दर्द पुराने कुछ जिंदगी को नए सबक दे गए ,
खुशियों के पल कुछ जिंदगी में मिठास से घुले
लम्हे कुछ हमसे बने और कुछ लम्हों ने हमे बदल दिया ,
कभी जिंदगी ने हमारा हाथ थामा,
तो कभी हमारी राह का रुख बदल दिया ,
और इस उधेड़बुन में जिंदगी का एक और पन्ना पलट गया ......
कुछ पन्ने ख़ुशी के थे कुछ पे ग़मों का रंग छिटक गया,
कुछ यादें हमने नयी बनायीं ,
कुछ पुरानी अतीत से चुराईं,
लम्हे कुछ अपने अपनों से बांटे और कुछ तन्हाई में काटे ,
कभी अनुभवी पतंगबाज़ की पतंग सा उड़ा मन,
कभी कटी पतंग सा भटक गया ,
और जिंदगी की दीवार पे एक और साल का कैलेंडर लटक गया ,
कुछ अतीत के दरवाज़े हमने बंद किये,
कुछ दिल की खिडकियों के पट नए खोले ,
दर्द पुराने कुछ जिंदगी को नए सबक दे गए ,
खुशियों के पल कुछ जिंदगी में मिठास से घुले
लम्हे कुछ हमसे बने और कुछ लम्हों ने हमे बदल दिया ,
कभी जिंदगी ने हमारा हाथ थामा,
तो कभी हमारी राह का रुख बदल दिया ,
और इस उधेड़बुन में जिंदगी का एक और पन्ना पलट गया ......
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